गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार भद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो भाद्रपद मास के महत्वपूर्ण दिन मानी जाती है। इस पर्व के दौरान, लोग भगवान गणेश की पूजा और आराधना करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की विधियों से प्रसाद चढ़ाते हैं।
गणेश चतुर्थी का पर्व प्रारंभिक रूप में सामाजिक समरसता के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान, लोग गणेश भगवान की मूर्ति को अपने घरों में स्थापित करते और उनकी पूजा आराधना करते है। पर्व के अंत में, मूर्ति को नदी में ले जाकर विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी का पर्व सामाजिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक भी है। यह पर्व हर वर्ग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है और विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, स्थानीय समुदायों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आकर्षित होते हैं और पर्व का आयोजन करते हैं।
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